ISRO के आने वाले मिशन: भारत की अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय (2025–2030)
Updated on -November 12 ,2025
PATH PRERNA
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आने वाले वर्षों में कई महत्वाकांक्षी मिशनों पर काम कर रहा है, जो भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को एक नई दिशा देने वाले हैं। चंद्रयान और मंगलयान जैसी ऐतिहासिक सफलताओं के बाद अब एजेंसी मानव अंतरिक्ष यात्रा, सौर अध्ययन और ग्रहों की खोज जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है।
1. गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission)
- ISRO का सबसे बड़ा मानव मिशन “गगनयान” 2025 में लॉन्च होने की संभावना है। इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों (Vyomnauts) को लो अर्थ ऑर्बिट (Low Earth Orbit) में भेजा जाएगा।
- इससे भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जिसने मानव को अंतरिक्ष में भेजा है।
- लक्ष्य: मानवयुक्त स्पेसफ्लाइट का सफल प्रदर्शन और अंतरिक्ष में जीवन समर्थन प्रणाली का परीक्षण।
2. चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4)
- चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, ISRO अब चंद्रमा से नमूने लाने वाले “Sample Return Mission” पर काम कर रहा है — जिसे Chandrayaan-4 कहा जा रहा है।
- उद्देश्य: चंद्र सतह से मिट्टी और पत्थरों के नमूने पृथ्वी पर लाना, जिससे चंद्रमा की उत्पत्ति और संरचना पर गहराई से अध्ययन किया जा सके।
- यह मिशन 2028 तक लॉन्च किया जा सकता है।
3. शुक्रयान मिशन (Shukrayaan Mission)
- ISRO का अगला बड़ा ग्रह मिशन “शुक्रयान” है, जो शुक्र ग्रह के वातावरण और जलवायु का अध्ययन करेगा।
- लॉन्च विंडो: 2026–2028 के बीच।
- उद्देश्य: शुक्र ग्रह की सतह, बादलों की संरचना, और वहां के तापमान पैटर्न का विश्लेषण।
- यह भारत का पहला मिशन होगा जो किसी ग्रह के लिए लंबी अवधि के ऑर्बिट अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।
4. आदित्य L2 मिशन (Aditya-L2 Mission)
- आदित्य-L1 के बाद, ISRO सूर्य के और गहरे अध्ययन के लिए Aditya-L2 मिशन की तैयारी में है।
- उद्देश्य: सौर हवाओं (Solar Winds), कोरोनल मैस इजेक्शन (CME) और सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्रों की निगरानी।
- यह मिशन सूर्य और पृथ्वी के बीच की गतिशीलता को समझने में मदद करेगा।
5. Mangalyaan-2 (Mars Orbiter Mission 2)
- Mangalyaan (MOM) की ऐतिहासिक सफलता के बाद, ISRO अब Mars Orbiter Mission 2 पर काम कर रहा है।
- उद्देश्य: मंगल ग्रह के वातावरण, सतह और संभावित जल स्रोतों का अध्ययन।
- यह मिशन 2030 तक लॉन्च हो सकता है, जिसमें नए कैमरे और वैज्ञानिक उपकरण लगाए जाएंगे।
6. NISAR Satellite (NASA-ISRO SAR Mission)
- यह संयुक्त मिशन ISRO और NASA के सहयोग से विकसित हो रहा है।
- लॉन्च: 2025 में संभावित।
- उद्देश्य: पृथ्वी की सतह में हो रहे बदलाव, हिमनदों के पिघलने और प्राकृतिक आपदाओं का उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार से अध्ययन।
🌍 निष्कर्ष:
ISRO के ये आगामी मिशन न केवल भारत की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक हैं, बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में भी मजबूत कदम हैं। आने वाले वर्षों में भारत की अंतरिक्ष यात्रा विज्ञान, तकनीक और आत्मनिर्भरता का नया युग लिखने जा रही है।
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